आजादी का जश्न मनाने निकला हूँ ...
अपने मन का हाल बताने निकला हूँ
आजादी का जश्न मनाने निकला हूँ
घर के दरवाज़े से जैसे बाहर आया
खाकी वर्दीधारी ने डंडा खडकाया
Àaकहाँ चल दिए...? पता नहीं १५ अगस्त है ?
सड़क बंद है आज शहर में सिर्फ गश्त है.
मैं बोला, झंडा फ़हराने निकला हूँ
आजादी का जश्न मनाने निकला हूँ
जैसे - तैसे हिम्मत बांधे आगे आया
चहल पहल को शहर से पूरे गायब पाया
बिखरा है सन्नाटा जैसे कोई हर्ट है
पूछा तो जाना... भई सिक्योरिटी- अलर्ट है
रिक्शे वाले से पूछा, फिर तुम क्यों आये ?
बोला, जी... रोटी कमाने निकला हूँ
आजादी का जश्न मानाने निकला हूँ
धीरे-धीरे सहमा सा पहुंचा मंडी में
आग लगी देखी सब्जी, भाजी, भिन्डी में
ठेले वाला चीख-चीख आवाज़ लगाए
ग्राहक रह-रह जेब में अपने हाथ फिराए
हालत पतली क्रेता-विक्रेता दोनों की
महंगाई का हाल सुनाने निकला हूँ
आजादी का जश्न मनाने निकला हूँ
३१ अगस्त १२ ~अजय 'अजेय' ।