Sunday 25 October 2015

मशहूर हो गया...

मशहूर हो गया...

न खुल के दिल ही तोड़ा, ना रूबरू हुये ,
ज़ालिम ये इल्म तेरा मशहूर हो गया।...ज़ालिम ये ...

हैरत है आज भी कि क्यों जुबां नहीं खुली,
बात मन में लिए मन की,  वो दूर हो गया।...ज़ालिम ये ...

उसने भुला दिया मगर ये कैसे मैं करूँ,
इस दिल के आगे मैं तो, मजबूर हो गया।...ज़ालिम ये ...

दिन रात सोचते रहे, कि क्या खता हुयी,
उसे चाहने में क्या बड़ा क़ुसूर हो गया ।... ज़ालिम ये ...

तुम झाँकते रहे दरीचों की आड़ से,
और कारवां मेरा नज़र से दूर हो गया।...ज़ालिम ये ...

24 अक्तूबर 2015          ~~~अजय॥

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