Friday 19 July 2019

बदलू भैया।

बदलू भैया...


मौसम आया बिकने का अब, तुम भी बदलो बोल।
कल तक जिनको गरियाते थे, पीटो उनके ढोल।।
लाल मिर्च को दफ़न करा लो, मुख में मिश्री घोल।
जीत हुई तो पा जाओगे, तुम भी अपना मोल।।

साढ़े चार बरस तक खाना, मुर्गा मछरी-झोल।
कुर्सी बैठ बनाना जी भर, बातें गोल मटोल।।
तब तक फिर नियरा जायेंगे, नये सत्र के पोल।
दिखला देना तुम फिर से तब, नये फिल्म का रोल।।

15 अप्रैल 2019               ~~~ अजय 'अजेय'।

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