Saturday 15 August 2015

मुझे याद हैं वो दिन....

जब अजनबी हम-तुम... 

मुझे याद हैं वो दिन,  जब अजनबी थे तुम,
मुझे याद हैं वो दिन, जब अजनबी थे हम,
तुमको भी याद होगा, जब अजनबी हम-तुम........ 
शिकवे-गिले पिघल गए, जब हमसे मिल गए तुम...
मुझे याद हैं वो दिन......

सूनी सी एक गली और वो झिझकते कदम,
सहमी हुई वो धड़कनें, आँखों में वो शरम,
ना जाने आगे क्या हो, दिल का हसीं भरम ,
सब दूर हो गए यूँ, जब तुममें घुल गए हम ...
मुझे याद हैं वो दिन.......

गुल प्यार के खिलेंगे, या फिर मिलेंगे ज़ख़म,
न थी मुझको ये खबर, न ही कुछ जानते थे तुम,
मंजिल मिलेगी या, मिलेंगे जिंदगी के गम,
चिलमन हटी तो मिट गए, दुनिया के सब वहम,
मुझे याद हैं वो दिन...... जब अजनबी थे हम....

15 अगस्त 2015                   ~~~ अजय। 

No comments:

Post a Comment