Sunday 10 May 2015

किताबें झाँकती हैं

किताबें झाँकती हैं ...

किताबें झाँकती हैं...., 
किताबें झाँकती हैं..........
कि आओगे,  कभी तो तुम ... हमें पढ़ने के लिए, .....(2)
आस बाँधे,.... वो रास्ता ताकती हैं ...
किताबें झाँकती हैं,
किताबें झाँकती हैं..........

तुम आओ नहीं आओ, ...है तुम्हारी मर्जी, ......(2)
रोज दिल में ये कुछ "नए पन्ने" टाँकती हैं,
किताबें झाँकती हैं,
किताबें झाँकती हैं..........

10 मई 15                     ...अजय। 

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