Saturday 18 January 2014

का मनाईं खिचड़ी...

 का मनाईं खिचड़ी … ?

दंगा में घर गाँव गंववलीं, राजनीति में पगड़ी
घाव केहु ना देखे मन के, जांचे "अगड़ी" "पिछड़ी"
का मनाईं  खिचड़ी ?… का मनाईं खिचड़ी।

छूए के ना "सीधा"-"पईसा" ,  बाँटे के ना रेवड़ी,
मुँह धोवे के पानी मुश्किल, ओढ़े  खातिर गुदड़ी,
का मनाईं  खिचड़ी ?… का मनाईं खिचड़ी।

हम ना पढीं अ,आ, इ, ई.…मुखिया पढ़ें बिदेसी,
घूमि घूमि कम्प्यूटर बाँटें, जरे ना घर  में ढेबरी,
का मनाईं  खिचड़ी ?… का मनाईं खिचड़ी।

 रहे के ठेकाना नइखे, तम्मू  गयी उखारी,
ना केहू बतिया सुने वाला, काज ना कोई दिहाड़ी,
का मनाईं  खिचड़ी ?… का मनाईं खिचड़ी।

दुःख  से हिया फाटे हमरो, के से रोईं दुखारी,
वोटवा माँगे आवें जवन,  उहो मारे लंगड़ी,
का मनाईं  खिचड़ी ?… का मनाईं खिचड़ी। 

 14 जनवरी 2014                                        …अजय। 

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