Monday 9 September 2013

जय हिन्द का नारा

जय हिन्द का नारा ...

जय हिन्द का ये नारा, लगा लीजिये
इस परंपरा को जिंदगी, बना लीजिये
क्या रखा मजहब -ओ- संप्रदायवाद में
कुछ भाई-चारा भी, निभा लीजिये।

इस हिन्द की माटी में है, तन को सँवारा

बहे रक्त हिन्द का, ये है किसको गंवारा
नमक देश का है शामिल, थाली में हमारी
इस नमक का ही हक़, जरा चुका दीजिये।

है जल उठी धरा, हमारे मन की जलन से

सुलग रहा समाज है, हिंसा की अगन से
हो मन में अगर प्यार जरा, अपने वतन से 
तो मन को "सरस्वती-जल", पिला दीजिये।

हिन्द है तो हैं हम, ये ज़हन में रहे

हिन्द का हित सदा, स्मरण में रहे 
ना हो धूमिल चमक, इस चमन की कभी
मैल अपने दिलों का बहा दीजिये।

जय हिन्द का ये नारा लगा लीजिये

इस परंपरा को जिंदगी बना लीजिये

09 सितंबर 2013        ~अजय 'अजेय'।


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