"नापाक" इरादों वाले ....
मेरे सब्र की दीवार पर तू कंकड़ न उछाल,
जो ढह गयी तो ढायेगी, तुझ पर बड़ा कहर.
मैं शाम की अलाव से उड़ी, चिनगारी नहीं हूँ,
मैं जलजला हूँ,... गुम जायेंगे कस्बे, कई शहर.
तू शायद भूल गया है... वो बातें... वो रोटियां,
एक थाल से खाई थीं साथ - साथ बैठ कर.
खेला किया है तू मेरे जज्बात से अब तक,
अब भी चेत ले वरना न देखेगा तू कल सहर.
विषधर है तू, मैं जानता हूँ जन्म से तुझको ,
अब बाज आ, तू तज दे, प्रतिदिन छोड़ना जहर .
तू नाग भी हो तो मुझे परवाह कुछ नहीं ,
यहाँ वह कृष्ण है जिसने नचाया "कालिया" नथ कर
फिरा हूँ आज तक तुझको लिए गर्दन में मैं अपने ,
भुला बैठा है तू "तांडव", भुला बैठा ....कि मैं "शंकर".
...अजय
मेरे सब्र की दीवार पर तू कंकड़ न उछाल,
जो ढह गयी तो ढायेगी, तुझ पर बड़ा कहर.
मैं शाम की अलाव से उड़ी, चिनगारी नहीं हूँ,
मैं जलजला हूँ,... गुम जायेंगे कस्बे, कई शहर.
तू शायद भूल गया है... वो बातें... वो रोटियां,
एक थाल से खाई थीं साथ - साथ बैठ कर.
खेला किया है तू मेरे जज्बात से अब तक,
अब भी चेत ले वरना न देखेगा तू कल सहर.
विषधर है तू, मैं जानता हूँ जन्म से तुझको ,
अब बाज आ, तू तज दे, प्रतिदिन छोड़ना जहर .
तू नाग भी हो तो मुझे परवाह कुछ नहीं ,
यहाँ वह कृष्ण है जिसने नचाया "कालिया" नथ कर
फिरा हूँ आज तक तुझको लिए गर्दन में मैं अपने ,
भुला बैठा है तू "तांडव", भुला बैठा ....कि मैं "शंकर".
...अजय
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